सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद उन लोगों के लिए समस्या हो गई है जो अपने घर में लाखों-करोड़ों रुपये कैश रखते थे। भले ही वो पैसा उनकी मेहनत का हो लेकिन सरकार के इस फैसले से उन सभी को इसका हिसाब देना मुश्किल पड़ रहा है। तो ऐसे में आपको घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आयकर अधियम के तहत पहले से ही ऐसा नियम है जिसमें आपको थोड़ा सा टैक्स देकर न की सिर्फ अपने धन को कानूनी तौर पर सफेद कर सकते हैं, बल्कि किसी भी तरह की जैवाब देही व दण्ड से भी बचा जा सकता है।
आज भारत खबर से विशेष बातचीत के दौरान मेरठ के मशहूर सीए शिव कुमार गुप्ता ने यह बताया कि किसी भी सरकार को केवल आयकर अधिनियम के नियमों के अनुसार ही कार्य करने का अधिकार है। अचानक कर वसूली के लिए, नई दरो की मनमाने ढंग से घोषणा नहीं की जा सकती है व इसके लिए संसद की मंजूरी मिलना भी आवश्यक है।
यदि आप में से किसी के पास भी इस तरह का धन है जिसकी आप, व्याख्या(ब्योरा) नहीं दे सकते तो घबराने की जरूरत नहीं आप इस धन को कर निर्धारण वर्ष :-2017-2018 की आय में शामिल करके 15 दिसम्बर तक अग्रिम कर का भुगतान कर सकते हैं, इसमे ज्यादा से ज्यादा आपको उस रकम पर जिसकी आप घोषणा करेंगे उस पर 30% टैक्स ,सर चार्ज व सेश का भुगतान करना होगा व त्तपश्चात आपके द्वारा घोषित आय पर दंड का सवाल ही पैदा नहीं होगा।
1.जनता को आयकर अधिनियम के अनुसार स्वंम अपने धन की घोषणा मिनी वीडीएस के रूप में करनी चाहिए।
2.जितना चाहे पैसा आप बैंक में नकदी के रूप में जमा करें व उसकी स्वंय घोषणा कर आयकर दण्ड से बचा जा सकता है।
3. इसमे भुगतान के रुप मे 30% अधिभार, सर र्चाज, सेश एंव ब्याज अधिनियम 234C के तहत जमा करे।
4. इस प्रकार बैंक मे जमा की गयी राशि जिसको हम घोषित (explane)नहीं कर सकते सैक्शन 68 के तहत मानी जायेगी उसमे कर दाता स्वंम आय को अधिकतम 1961 की 115 BBE के तहत घोषित कर सकता है।
5. इस प्रकार की गयी घोषणा पर आयकर अधिनियम के तहत कोई जुर्माना नहीं लगेगा व लगभग 35% टैक्स पेय करके धन को सफेद धन मे बदला जा सकेगा।
सीए शिव कुमार गुप्ता ने बताया की इस प्रकार से स्वंय घोषणा कर कर दण्ड से बचा जा सकता है व काले धन को नये नोट मे बदलने के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाना चाहिए क्योकि अवैध रूप से बदला काला धन काला धन ही रहेगा व सूक्ष्म टैक्स देकर आप धन को सफेद धन बना सकते हैं।
(राहुल गुप्ता, संवाददाता)