राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द वियतनाम और ऑस्ट्रेलिया की अपनी दो देशों की यात्रा के अंतिम चरण में आज 21 नवंबर को सिडनी पहुंचे हैं।मालूम हो कि भारत के किसी राष्ट्रपति की ऑस्टेलिया की यह पहली राजकीय यात्रा है।राष्ट्रपति ने बाद में ऑस्ट्रेलिया में भारत के उच्चायुक्त डॉ.अजय एम.गोंडाने की मेजबानी में भारतीय समुदाय द्वारा आयोजित समारोह में हिस्सा लिया।
इसे भी पढ़ेःवियतनाम के फाइटर पायलट्स को सुखोई उड़ाना सिखाएगा भारत
एकत्र जनसमूह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय समुदाय के प्रति इतना आदर गर्व का विषय है और वह ऑस्ट्रेलियाई समाज और अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहा है। आज भारतीय पेशेवरों की बेहद मांग है, चाहे ऑस्ट्रेलिया हो अथवा दुनिया का कोई अन्य देश। उद्यमियों, डॉक्टरों, अध्यापकों, बैंकरों और टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों के रूप में भारतीय समुदाय के सदस्य ऑस्ट्रेलिया में अपना योगदान दे रहे हैं।
इसे भी पढ़ेःजल्द भारत से उड़ान भरेगी वियतनाम की विवादित बिकनी एयरलाइन
राष्ट्रपति ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र भी मौजूद हैं। वे शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में, नवोन्मेष प्रोत्साहन और यहां तक की खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दे रहे हैं। उनका कठोर परिश्रम और प्रतिभा ऑस्ट्रेलिया-भारत के बीच ज्ञान की भागीदारी का प्रतीक है।गौरतलब है कि इससे पहले राष्ट्रपति कोविन्द ने सिडनी में एन्जेक युद्ध स्मारक में श्रद्धांजलि अर्पित कर अपनी यात्रा की औपचारिक शुरूआत की।
बता दें कि यह स्मारक प्रथम विश्व युद्ध में अपनी सेवाएं देने वाले ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए बनाया गया है। भारतीय समुदाय के साथ अपने कार्यक्रम में, राष्ट्रपति ने उन भारतीय सैनिकों का विशेष रूप से जिक्र किया जो गल्लीपोली के तटों सहित, प्रथम विश्व युद्ध में ऑस्ट्रेलियाई कॉमरेडों के साथ लड़े थे। प्रथम विश्व युद्ध के समापन का शताब्दी समारोह इस महीने की शुरूआत में आरंभ हुआ है।