सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मुख्यमंत्री को ही दिल्ली का असली बॉस बताया था। कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कर दिया कि उपराज्यपाल दिल्ली में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं, एलजी को कैबिनेट की सलाह के अनुसार ही काम करना होगा। कोर्ट के इस फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक्शन में आ गए हैं।
शुक्रवार को सीएम केजरीवाल ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को राशन की होम डिलीवरी संबंधित योजना को तत्काल प्रभाव से लागू करने की मंजूरी दे दी। साथ ही इसे तुरंत प्रभाव से लागू करने का आदेश भी जारी कर दिया ।कोर्ट के फैसले के बाद अब ऐसा माना जा रहा है कि केजरीवाल सरकार की कई योजनाएं रफ्तार पकड़ सकती हैं। बता दें कि सरकार लंबे समय से इन योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के प्रयास में जुटी है और एलजी की मंजूरी न मिलने के चलते देरी का आरोप लगाती रही है। इन योजनाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाना, घर-घर राशन, फ्री वाई-फाई और मोहल्ला क्लीनिक जैसे सरकार के बड़े प्रोग्राम शामिल हैं।
सरकार का लक्ष्य इस योजना के तहत लोगों के घरों तक राशन पहुंचाने का है। इस योजना के तहत अगस्त के अंत तक ये सेवा लोगों को उपलब्ध करानी है। इसके लिए केजरीवाल सरकार ने एक निजी कंपनी को 3 साल का ठेका दिया है।
मोहल्ला क्लीनिक दिल्ली सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में एक है, जिससे उसे काफी लोकप्रियता भी मिली है। 2015 में सरकार आने के बाद से ही हर बजट में मोहल्ला क्लीनिक के लिए बजट आवंटित किया जाता है, लेकिन बजट में निर्धारित संख्या के अनुरूप मोहल्ला क्लीनिक बनाए नहीं जा सके हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सरकार की योजना 1000 मोहल्ला क्लीनिक देने की थी। लेकिन मार्च 2018 तक पूरे दिल्ली में सिर्फ 164 क्लीनिक ही तैयार हो पाए हैं। नए क्लीनिक के लिए 530 जगह चिन्हित हो चुकी हैं और नए स्थल तलाशे जा रहे हैं। ऐसे में अब माना जा रहा है कि के लिए लाभकारी माने जाने वाली इस बड़ी योजना को केजरीवाल सरकार अमलीजामा पहना पाएगी। साथ ही घर-घर राशन पहुंचाने के साथ सीसीटीवी लगाने जैसे बड़े वादे पूरे कर पाने में भी उसके सामने कोई बाधा नहीं रहेगी।