नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में रथ यात्रा पर रोक संबंधी राज्य सरकार के फैसले से भड़के भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को पश्चिम बंगाल का दौरा करने और कोलकाता में कार्यकर्ता सम्मेलन करने की घोषणा की है। शाह ने कहा कि रथ यात्रा खत्म नहीं बल्कि स्थगित हुई है। पार्टी हर हाल में रथ यात्रा करने के लिए अदालती लड़ाई लड़ेगी।
लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप
उन्होंने राज्य की ममता सरकार पर नौकरशाही के माध्यम से लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य की सीएम भाजपा के उभार के कारण सत्ता छिन जाने के भय में जी रही हैं। शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस काफ्रेंस में शाह ने कहा कि राज्य सरकार की तुष्टिकरण की नीतियों, सत्ता-नौकरशाही की मिलीभगत के कारण राज्य न सिर्फ विकास के मापदंडों पर बुरी तरह पिछड़ गया है।
रैलियों की नहीं दी गई इजाजत
उन्होंने कहा कि ममता भाजपा को रोकने की लाख कोशिशें कर लें, मगर लोकसभा चुनाव में भाजपा को सबसे अधिक सीट मिलना और विधानसभा चुनाव में उनकी सरकार की विदाई की पटकथा लिखी जा चुकी है। शाह ने कहा कि शनिवार से अलग-अलग तारीखों को रवाना होने वाली पार्टी की तीन रैलियों की इजाजत के लिए राज्य इकाई ने गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिख कर इजाजत मांगी। पत्र का जवाब न मिलने पर तीन बार रिमांइडर केजरिए याद दिलाई। इसके बावजूद इजाजत नहीं दी गई।
शाह ने रथ यात्राओं के कारण हिंसा की संभावना संबंधी राज्य सरकार के तर्क को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वह खुद 17 बार और पीएम कई बार राज्य में कार्यक्रम कर चुकेहैं। इस दौरान कोई हिंसा नहीं हुई। वहां साप्रदायिक हिंसा टीएमसी कार्यकर्ता और प्रशासन की मिलीभगत के कारण होती है।
शाह ने कहा कि वह ममता को बिना मांगी सलाह दे रहे हैं। वह भाजपा को रोकने के लिए जितना अलोकतांत्रिक रवैया अपनाएंगे, भाजपा उतना ही मतबूत होगी। शाह ने कहा कि राज्य सरकार भाजपा को रोक सके तो रोक लगे। यह तय है कि लोकसभा में पार्टी सर्वाधिक सीट जीतेगी और विधानसभा चुनाव में टीएमसी का सफाया होगा।