यूपी राज्य

अखिलेश के समर्थन में 210 विधायक, हलफनामे पर किये हस्ताक्षर

akhliesh 5 अखिलेश के समर्थन में 210 विधायक, हलफनामे पर किये हस्ताक्षर

लखनऊ। समाजवादी पार्टी में चल  रही बाप-बेटे की लड़ाई का कोई हल ना निकलने के कारण अब 9 जनवरी के संग्राम के लिये तैयारी शुरू हो गई है। दरअसल पार्टी के नाम और साइकिल ‘सिम्बल’ को लेकर दोनों ही खेमे अड़े हुए हैं। ऐसे में चुनाव आयोग ने 09 जनवरी तक दोनों पक्षों से उनका जवाब मांगा है। दोनों खेमे अपने-अपने पक्ष में दलील और तथ्य पेश करेंगे।

अखिलेश गुट यह साबित करने की कोशिश में जुट गया है कि अधिकांश विधायक, विधान परिषद सदस्य, राज्यसभा सदस्य और लोकसभा सदस्य उनके साथ हैं, इसलिए वही असली समाजवादी पार्टी है। रणनीति को अंजाम देने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को पार्टी विधायकों की बैठक भी बुलाई। बैठक में 210 से अधिक विधायकों के मौजूद होने का दावा कि‌या जा रहा है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक बैठक में पहले से ही तैयार हलफनामे पर हस्ताक्षर करवाए गए हैं। इन्हें चुनाव आयोग में सबूत के तौर पर दिया जायेगा। इसके साथ ही सांसदों ने भी अखिलेश के समर्थन में शपथ पत्र दिए हैं। कहा जा रहा है कि 19 राज्‍यसभा सांसदों में से 12 सांसद अखिलेश के साथ हैं।

akhliesh 5 अखिलेश के समर्थन में 210 विधायक, हलफनामे पर किये हस्ताक्षर

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी नेताओं को क्षेत्र में जाकर चुनाव की तैयारी करने को कहा है। उन्होंने विधायकों से कहा कि जो भी ​यहां उपस्थित हैं, उनमें से किसी का टिकट नहीं कटेगा। हम अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने चुनाव नि‌शान के बारे में कहा कि‌ बहुमत के आधार पर इसका फैसला कि‌या जाता है। उम्मीद है कि फैसला हमारे हक में होगा। मुख्यमंत्री ने विधायकों को बताया कि सुबह आजम खां उनसे मिलने आए थे। इसके बाद वह खुद नेताजी से मिलने जाने वाले थे लेकिन पता चला कि नेताजी दिल्ली रवाना हो गए हैं, इसलिए मुलाकात नहीं हो सकी। वहीं बैठक के बाद एक सिरे से कई नेताओं ने अखिलेश यादव के प्रति आस्था जताई।

मंत्री रविदास मेहरोत्रा ने सपा संग्राम पर बोलते हुये कहा कि अखिलेश ने कहा कि मुलायम सिंह यादव मेरे पिता हैं और मैं उनका पुत्र। मैं उनसे केवल तीन महीने मांग रहा हूं। सपा सरकार बनने पर वह जो चाहे निर्णय ले सकते हैं। इसके अलावा कई विधायक ऐसे भी रहे, जिन्हें पूरा विवाद चन्द दिनों में सुलझने की उम्मीद है, वहीं कुछ ने साइकिल चुनाव चिन्ह नहीं मिलने पर अखिलेश यादव को ही अपना चिन्ह बता कर चुनाव के रण में उतरने का फैसला किया है।

उधर अखिलेश से कोई बात नहीं बनती देख गुरुवार को मुलायम सिंह यादव भी अपने छोटे भाई शिवपाल यादव के साथ लखनऊ से नई दिल्ली रवाना हुए। इसके बाद मुलायम ने वहां अपने आवास पर बैठक की। इसमें अमर सिंह और जयाप्रदा भी शामिल हुईं। बैठक में आगे की रणनीति और इलेक्शन कमीशन को अपनी ओर से हलफनामा दिए जाने पर चर्चा हुई।

मुलायम शुरू से ही कहते रहे हैं कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उन्होंने कोई अधिवेशन नहीं बुलाया। इसलिए जिस अधिवेशन का हवाला देकर अखिलेश यादव अपने को राष्ट्रीय अध्यक्ष बता रहे हैं, वह पूरी तरह से असंवैधानिक है। वह प्रो. रामगोपाल यादव के निष्कासन की दलील देकर भी यह कहते आये हैं कि जब रामगोपाल को पार्टी से निकाल दिया गया, तो वह अधिवेशन कैसे बुला सकते हैं? दोनों पक्षों के इस विवाद में चुनाव आयोग को फैसला करना है।

Related posts

सीएम रावत ने पण्डित दीनदयाल उपाध्याय पार्क देहरादून में आयोजित ‘‘स्वच्छता से ही सेवा’’ कार्यक्रम में भाग लिया

Rani Naqvi

लखनऊ में कार्यकर्ताओं के साथ मायावती की अहम बैठक

kumari ashu

भतीजे ने मारी भाजपा नेता को गोली, पुलिस ने किया आरोपी भतीजे को गिरफ्तार

mohini kushwaha