मुंगेर। सरकार के बेपरवाही और सरकारी धन की बर्बादी देखनी होतो बिहार के मुंगेर जिले की हवाई पट्टी को देख कर आपको इसका अंदाजा बखूबी लग जायेगा। अब इस हवाई अड्डे की हालात ये है कि ग्रामीण रवने का प्रयोग रास्ते के लिए करते हैं तो बच्चे खेलने और असामाजिक तत्व अपने गैर कानूनी कामों के लिए। अब सवाल ये उठता है कि क्या ये हवाई अड्डा और रनवे मुफ्त में बना था।
दरअसल सरकार और जिला प्रसाशन की लापरवाही के चलते बिहार के मुंगेर जिले का ये हवाई अड्डा क्षतिग्रस्त हो गया। 8 करोड़ की लागत से मुंगेर के सफियाबाद हवाई पट्टी का निमार्ण कर 24 मई 2016 को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने उद्घाटन कर क्षेत्र की जनता को तोहफा दिया था।
अब जरा गौर फरमाइये कि सरकार और उसके तंत्र की क्या कारगुजारी रही कि चंद महीनों पहले जिस हवाई अड्डे का उद्घाटन हुआ था आज वो विरान जीर्णशीर्ण खंडहर बन गया है। पांच पहले दुल्हन की तरह सजा ये हवाई अड्डा अब बेआबरू हो चला है। सुरक्षा दीवार के आभाव के चलते असामाजिक तत्वों ने इसे पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है।
वैसे तो ये हवाई अड्डा 90 साल पुराना है जिसे नीतीश सरकार ने 8 करोड़ की धनराशि दे पुन: जीवित स्वरूप प्रदान करने की नाकाम कोशिश की थी। जो अब असामाजिक तत्वों का कृपा के चलते बेबस और लाचार हो गया है। नवीनतम निर्मित भवन के पंखे कुर्सी मेज और खिड़की दरवाजे या तो तोड़ दिये गये या फिर चोरी हो गये हैं।
आखिर सरकारी धन की इस कदर उपयोग नीतीश सरकार के विकास के कार्यक्रम की सच्चाई की पर्तें खोलने के लिए पर्याप्त है। विपक्ष भी इस प्रकरण पर सरकार की नाकामी को लेकर नीतीश कुमार पर निशाना साधे हुए है । लेकिन जनता के पैसों की बर्बादी से ना तो सरकार ही सबक ले रही है और ना नीतीश कुमार।