सीतापुर। जिस व्यक्ति नें राष्ट्रसेवा में अपने जीवन को सौंप दिया हो, रिटायार होने के बाद वह यह कल्पना करेगा कि उसे समाज में सम्मान मिले, पर इससे बिल्कुल विपरीत घटना हुई है उत्तरप्रदेश के जिला सीतापुर की। जहां रिटायर्ड फौजी को सम्मानित करने की बजाय उन्हे एक एसडीएम ने पटक पटककर मारा। इस प्रकार की घटना से प्रदेश सरकार के उपर सवाल खड़ा होना लाज़मी है कि अगर वह देश के सेवकों का सम्मान न कर पाए तो कमसे कम अपमान तो ना ही करे।
एक वेबसाइट की खबर के मुताबिक यूपी के सीतापुर में एक एसडीएम ने एक रिटायर्ड फौजी को पटक पटककर मारा। फौजी का नाम सच्चिदानंद (सूबेदार) बताया जा रहा है। वर्तमान में सच्चिदानंद महोली क्षेत्र में बतौर लेखपाल नियुक्त हुए हैं। महोली के एसडीएम अतुल कुमार लेखपाल की कार्यशैली से बौखला चुके थे जब सच्चिदानंद एक परीक्षा देने हेतु अवकाश मांगने उनके केबिन में घुसे तो सच्चिदानन्द के आरोपों के अनुसार एसडीएम अतुल ने ‘अब फंसे हो’ कहकर सीधे उनका गिरेबान पकड़ कर उनसे हाथापाई की।
सच्चिदानंद को कुछ समझ में नहीं आया कि यह सब क्यों हो रहा है जबाब में सच्चिदानन्द कुछ बोल भी नहीं पाए। जब इस घ्ज्ञटना पर एसडीएम से पूछताछ की गई तो उन्होंने खुल कर कहा कि, ‘मारा है बहुत मारा है और गिरा गिरा कर मारा है।’ पिटाई का कारण पूछने पर दबंग एसडीएम ने कुछ जबाब पा देते हुए ये कह डाला कि, कारण न पूछो।
इस घटना के बारे में सच्चिदानंद से जब पूछा गया तो उनका कहना था कि, जहाँ देश सेवा का ऐसा इनाम मिलता हो वहां नौकरी से इस्तीफा देना ही ठीक रहेगा। उन्हें देश की कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और उन्हेंन्याय अवश्य मिलेगा। प्रदेश में प्रशासन की इस प्रकार की गुंडागर्दी कई सारे सवाल खड़ा करती है, क्या देश की रक्षा में जीवन बिताने वाले के साथ सपा सरकार में पुलिस के आला अधिकारी ऐसे बर्ताव करेंगे?