नई दिल्ली। देश में ट्रिपल तलाक को लेकर माहौल गरमाया हुआ है, तलाक के इस नियम को खत्म करने की मांग तेज होती दिख रही है। इसी बीच ट्रिपज तलाक को खत्म करने के लिए एक तलाकशुदा पीड़िता ने पीएम से गुहार लगाई है, 18 वर्षीय अर्शिया ने पीएम से मदद मांगी है और कहा है कि देश मे यूनिफार्म सिविल कोड को त्वरित रुप से लागू किया जाए, साथ ही उसका यह भी कहना है कि यह महिलाओं की जिंदगी को बर्बाद कर रहा है।
यह है मामला- सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के मुताबिक अर्शिया का निकाह एक सब्जियों के व्यापार करने वाले शख्स से हुआ था, पति का नाम मो काजिम बगवान था। शादी के महज दो वर्षाें बाद ही पति ने तलाक दे दिया। अर्शिया का अरोप है कि उसके पति ने उसके आठ महीने के बच्चे के साथ उसे घर से बाहर कर दिया था, जिससे उसके जिंदगी में अचानक से तूफान सा आ गयां वह इस झटके के लिए तैयार नहीं थी।
पीएम से की गुहार- अर्शिया ने अपने इस दुखद अंजाम को लेकर पीएम से मांग की है कि वे जल्द से जल्द देश में यूनिफार्म सिविल कोड लागू किया जाए जिससे उसकी तरह की समस्या और किसी महिला को ना झेलनी पड़े। अर्शिया ने ट्रिपल तलाक को अपनी किस्मत मानने से इनकार कर दिया और तय कर लिया कि वो इस फैमिली कोर्ट में चुनौती देगी।
अर्शिया की जिंदगी छोटे सी उम्र में ही खत्म हो गई। 16 साल की उम्र में शादी के बंधन में बंधी लड़की जब तक कुछ समझने की अवस्था में आ पाती, उसके साथ उसका छोटा बच्चा था और उसको पति ने तलाक दे दिया था। अर्शिया के बारे में परिवार वालों का कहना है कि उसकी शादी करके उन लोगों ने बहुत गलत किया। अर्शिसा ने बताया है कि शादी के पहले उसके घरवालों से कहा गया था कि वह आगे की पढ़ाई को जारी रख सकेगी, पर ससुराल वाले अपनी बात से मुकर गए। यहां आपको बता दें कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अनुसार ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर सरकार को काई दखल नहीं देनी चाहिए, साथ ही सरकार के आला अधिकारी इस बात को कहते आ रहे हैं कि यह नियम देश के हित में नहीं है, और यह लिंग भेद को बढ़ावा देता है।