केंद्र सरकार की और से आम चुनाव 2019 से पहले शैक्षणिक कर्मचारियों के लिए खुशी की खबर है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मंगलवार को सरकारी और वित्तपोषित प्रौद्योगिकी संस्थानों के शिक्षकों को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक लाभ देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि केंद्र से मंजूरी के बाद अब इसका फायदा देशभर के शिक्षकों और स्टेट गवर्नमेंट व डिग्री स्तर के सरकारी सहायता प्राप्त टेक्निकल संस्थानों के अन्य ऐकेडमिक स्टाफ को मिलेगा।
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बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसके लिए 1241 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, ‘इससे राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित संस्थानों के कुल 29264 शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मियों को सीधे लाभ होगा। इसके अलावा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के दायरे में आने वाले निजी कॉलेजों या संस्थानों के करीब साढ़े 3 लाख शिक्षकों तथा शैक्षणिक कर्मियों को भी इस मंजूरी से लाभ मिलेगा।
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मंत्री ने कहा, केन्द्र सरकार सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए बकाये के भुगतान हेतु इन संस्थानों द्वारा किये जाने वाले कुल अतिरिक्त खर्च के 50 प्रतिशत का वहन भी करेगी। जावड़ेकर के मुताबिक इस कदम से प्रौद्योगिकी संस्थानों को उच्च शैक्षणिक मानकों के शिक्षकों को लुभाने और उन्हें बनाए रखने में सहायता मिलेगी।
बताते चलें कि पिछले दिनों महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में भाजपा सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दी थी, सरकार के इस फैसले से राज्य के करीब 17 लाख कर्मचारीयों को लाभ मिला। राज्य सरकार के खजाने पर करीब 21, हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा।