पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय, राज्य सरकार की एजेंसियों, स्थानीय प्रशासन तथा स्वच्छ प्रतिष्ठित स्थानों (एसआईपी) के ट्रस्ट व बोर्ड की मुंबई में दो दिन की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में देशभर के सौ प्रतिनिधि शामिल हुए। विचार-विमर्श में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस का फील्ड दौरा शामिल है। जहां प्रणालीबद्ध तरीके से स्वच्छता और पुर्नस्थापन कार्य चल रहा है।स्वच्छ प्रतिष्ठित स्थानों की पहल का उद्देश्य प्रतिष्ठित स्थानों पर स्पष्ट रूप से उच्च स्तर की स्वच्छता विशेषकर अपने दायरे में और संपर्क क्षेत्रों में स्वच्छता है।
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प्रधानमंत्री के ‘स्वच्छता सबका कार्य’ नारे के बाद केंद्र तथा चयनित राज्यों ने देश के प्रतिष्ठित स्थानों को स्वच्छ बनाने के लिए सझा प्रयास शुरू किए हैं। प्रतिष्ठित स्थानों पर विशेष स्वच्छता पहल को सार्वजनिक और निजी कंपनियों से कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) समर्थन मिला है।
विचार-विमर्श के दौरान एसआईपी के चरण-1 और चरण-2 में 20 स्थानों पर किए गए कार्यों की समीक्षा की गई। इन स्वच्छ प्रतिष्ठित स्थानों ने स्वच्छता सुविधाओं के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति दिखाई। समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए पेयजल तथा स्वच्छता मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर ने विभिन्न टीमों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने स्वच्छता सुधार में अंतर-क्षेत्रीय सहयोग के महत्व पर बल दिया।
वहीं महानिदेशक, विशेष परियोजना, स्वच्छ भारत मिशन अक्षय राउत ने पिछले दो वर्षों में विभिन्न प्रतिष्ठित स्थानों पर स्वच्छता कार्य काफी प्रगति के बारे में प्रजेंटेशन दिया। प्रतिष्ठित स्थानों पर स्वच्छता संबंधी प्रयासों को दिखाया गया। महाराष्ट्र के अपर मुख्य सचिव शामलाल ने राज्य द्वारा खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) क्षेत्र को बढ़ाने के लिए किए गए कार्य पर प्रकाश डाला। पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के सचिव ने मंत्रालय द्वारा बनाए गए स्वच्छ प्रतिष्ठित स्थान (एसआईपी) पोर्टल और लोगो लॉंच किया।