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जेएनयू के चार स्टूडेंट्स को कैंपस के अंदर पकौड़ा तलना पड़ा भारी

Jnu जेएनयू के चार स्टूडेंट्स को कैंपस के अंदर पकौड़ा तलना पड़ा भारी

नई दिल्ली। देश की सबसे प्रतिष्ठित मानी जाने वाली जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के चार स्टूडेंट्स को कैंपस के अंदर पकौड़ा तलना भारी पड़ गया है। प्रशासन ने चार स्टूडेंट के पकौड़े बेचने को अनुशासनहीनता माना है। जेएनयू कॉलेज प्रशासन ने इन स्टूडेंट्स पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही एक छात्र को हॉस्टल से भी निकाल दिया गया है, जबकि तीन स्टूडेंट्स का सजा के तौर पर हॉस्टल बदल दिया गया है। दरअसल, फरवरी के महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेरोजगार होने से अच्छा पकौड़ा बेचने वाले बयान का ये स्टूडेंट विरोध कर रहे थे।

 

Jnu जेएनयू के चार स्टूडेंट्स को कैंपस के अंदर पकौड़ा तलना पड़ा भारी

 

बता दें कि सेंटर फॉर इंडियन लैंग्वेजेज के छात्र मनीष कुमार मीणा ने कहा कि वो पीएम मोदी के पकौड़ा तलने वाले बयान से बेहद नाराज थे। लिहाजा उसका विरोध करने के लिए पकौड़े तल रहे थे। एमफिल के छात्र मनीष कुमार मीणा राजस्थान के रहने वाले है। मामले में मनीष कुमार मीणा के खिलाफ जांच भी शुरू की गई है।

साथ ही इससे पहले विपक्षी दलों के नेता और कार्यकर्ता पकौड़े तलकर पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बयान का विरोध कर चुके हैं। मालूम हो कि कुछ महीने पहले एक टीवी इंटरव्यू के दौरान जब पीएम मोदी से रोजगार सृजन को लेकर सवाल किया गया था। जिसके जवाब में उन्होंने कहा था कि अगर कोई पकौड़ा बेचकर हर रोज 200 रुपये कमाता है, तो उसे भी नौकरी के तौर पर देखा जाना चाहिए। पीएम के इसी बयान पर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने जमकर हमला बोला था। बीजेपी अध्यक्ष और सांसद अमित शाह ने पीएम मोदी के पकौड़ा बेचने वाले बयान का समर्थन किया था। राज्यसभा में अपना पहला भाषण देते हुए शाह ने कहा था कि पकौड़ा बनाना कोई शर्म की बात नहीं है। पकौड़ा बनाना नहीं बल्कि, उसकी तुलना भिखारी के साथ करना शर्म की बात है।

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